मुगल प्रशासन में मनसबदारी व्यवस्था का योगदान

  • डॉ. अर्चना सिंह

Abstract

मनसबदारी व्यवस्था की शुरुआत मुगल शासक अकबर ने की थी ।प्राय यह सैन्य प्रशासन से संबंधित व्यवस्था थी जिसका मतलब था की मुगल प्रशासन में किसी व्यक्ति का पद या ओहदा तथा इसे प्राप्त करने वाले व्यक्ति को मनसबदार कहा जाता था । अकबर के समय के मुख्य मनसबदारों में राजा मानसिंह, राजा टोडरमल, अबुल फजल , बीरबल आदि शामिल थे ।इस युग में मनसब शब्द अपने आप में पद के साथ-साथ पदधारी की स्थिति का निर्धारक होने के साथ-साथ उसके उत्तरदायित्व और वेतन को भी निर्धारित करता था। इसका तात्पर्य था कि प्रत्येक मनसबदार व्यक्ति राज्य का अधिकारी था और उसे वेतन के बदले राज्य की नागरिक व सैनिक सेवा करनी पड़ती थी। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्यवस्था थी क्योंकि उस समय तक किसी भी केंद्रीकृत सेना का विकास नहीं हो पाया था प्रस्तुत शोध पत्र इसी मनसबदारी व्यवस्था व उसके योगदान पर आधारित है। कुंजी शब्द: मनसब, ओहदा, जात, सवार, जागीरदार, अमीर वर्ग, उमरा वर्ग, अश्वारोही, हुलिया, प्रशासनिक व्यवस्था आदि।
How to Cite
डॉ. अर्चना सिंह. (1). मुगल प्रशासन में मनसबदारी व्यवस्था का योगदान. ACCENT JOURNAL OF ECONOMICS ECOLOGY & ENGINEERING ISSN: 2456-1037 IF:8.20, ELJIF: 6.194(10/2018), Peer Reviewed and Refereed Journal, UGC APPROVED NO. 48767, 2(9). Retrieved from http://ajeee.co.in/index.php/ajeee/article/view/3174