विपणन अवसर और चुनौतियां
Abstract
हम दैनिक जीवन में बहुत सारी वस्तुओं को उपयोग में लाते हैं साथ ही हम जीवन निर्वाह के लिए सेवाएं भी लेते हैं इन्हें हम कैसे प्राप्त करते हैं उनकी पहुंच उपभोक्ताओं तक कैसे सुलभ हो पाती हैं उत्पादन, भंडारण, वितरण विक्रय, सेवा आदि फुटकर विक्रेता, थोक विक्रेता, आदि सब गतिविधियां विपणन में शामिल होती है, विपणन के अंतर्गत ग्राहक की समस्याएं आवश्यकताएं और उत्पाद योजनाएं, सेवाएं विपणन अनुसंधान, खरीद एवं एकत्रीकरण की प्रक्रियाएं, पैकेजिंग, मानकीकरण और ग्रेडिंग, ब्रांडिंग, उत्पाद की कीमत, उत्पाद संवर्धन, कीमत, वितरण, भंडारण, परिवहन, विपणन प्रबंधन विपणन नीतियां, मूल्य निर्धारण भी विपणन के क्षेत्र में शामिल की जाती है विपणन कि पारंपरिक अवधारणा वर्तमान आधुनिक अवधारणा से अलग है विपणन में वस्तु एवं सेवा के उत्पादन के बाद उसके बिक्री को हम पारंपरिक विपणन में शामिल करते हैं इस अवधारणा के अनुसार विपणन का केंद्र बिंदु उत्पादन और बिक्री होता है इस प्रक्रिया में शामिल अन्य गतिविधियों को इसमें ध्यान नहीं दिया गया जबकि आधुनिक अवधारणा में आवश्यकता अर्थात उपभोक्ताओं की इच्छाएं उनकी मांग उनकी शैली, समस्याएं जीवन, आय आदि के द्वारा आवश्यकता का निर्धारण और इसके बाद उत्पादन योजना, जिसमें बाजार में उपलब्ध वैकल्पिक साधनों के साथ अनुमान लगाकर अंतिम योजना तैयार कर उत्पादन ब्रांड तैयार करना और इसके बाद वितरण, थोक डीलर, फुटकर विक्रेता या वितरण प्रक्रिया की विस्तृत रूपरेखा बनाई जाती है, वितरण या विक्रय के बाद उत्पादन से संबंधित प्रतिपुष्टि या फीडबैक प्राप्त कर विक्रय के बाद सेवा अवधि को ध्यान में रखकर संपूर्ण प्रक्रिया को अंजाम देना ही विपणन की श्रेणी में आता है।
How to Cite
डॉ. ओंकार सिंह मेहता. (1). विपणन अवसर और चुनौतियां. ACCENT JOURNAL OF ECONOMICS ECOLOGY & ENGINEERING (Special for English Literature & Humanities) ISSN: 2456-1037 IF:8.20, ELJIF: 6.194(10/2018), Peer Reviewed and Refereed Journal, UGC APPROVED NO. 48767, 10(3), 80-84. Retrieved from https://ajeee.co.in/index.php/ajeee/article/view/5166
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