नैतिक शिक्षा का समाज पर प्रभावः एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
Abstract
नैतिक शिक्षा समाज के नैतिक मूल्यों, सांस्कृतिक विरासत, और व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह अध्ययन नैतिक शिक्षा के विभिन्न पहलुओं, उसके समाज पर प्रभाव, और नैतिक मूल्यों की प्रासंगिकता का विश्लेषण करता है। नैतिक शिक्षा न केवल व्यक्तिगत आचरण को प्रभावित करती है, बल्कि सामाजिक समरसता, आपसी सहयोग, और नैतिक दायित्वों की समझ को भी बढ़ावा देती है। इस अध्ययन में यह विश्लेषण किया गया है कि किस प्रकार नैतिक शिक्षा युवाओं के चरित्र निर्माण, उनके निर्णय लेने की क्षमता, और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को विकसित करने में सहायक होती है। इसके अतिरिक्त, यह अध्ययन नैतिक शिक्षा के अभाव में समाज में नैतिक पतन, भ्रष्टाचार, और सामाजिक असंतोष की बढ़ती प्रवृत्तियों पर भी प्रकाश डालता है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में, वैश्वीकरण और आधुनिकता के प्रभाव से नैतिक मूल्यों में बदलाव देखा गया है। इसलिए, नैतिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में नवीन दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, जिससे नैतिक मूल्यों को व्यवहारिक जीवन में अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
How to Cite
अरिंजय वर्धन जैन. (1). नैतिक शिक्षा का समाज पर प्रभावः एक विश्लेषणात्मक अध्ययन. ACCENT JOURNAL OF ECONOMICS ECOLOGY & ENGINEERING (Special for English Literature & Humanities) ISSN: 2456-1037 IF:8.20, ELJIF: 6.194(10/2018), Peer Reviewed and Refereed Journal, UGC APPROVED NO. 48767, 10(3), 34-40. Retrieved from https://ajeee.co.in/index.php/ajeee/article/view/5121
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