समकालीन महिला कथाकारों में मालती जोषी का स्थान

  • डाॅ. संध्या सिंह

Abstract

स्त्री संवेदना की ललक जीवन की विभिन्न अनुभूतियां, संघर्ष, कुंठा यातनाएं, खुषियों के भी अनुभव इन सबकों नारी का अस्तित्व निरन्तर झेलते हुए विकसित होता है। कई बार मन की आकांक्षाओं को मारकर जीवन में अनेक (कई) प्रकार के निर्णय लेने पड़ते है। ’’एक खालीपन के साथ एक दूसरे के साथ समायोजन करते हुए सारी जिन्दगी गुजारनी पड़ती है। कहीं आदर्षों का, कहीं संस्कारांे का, कहीं धर्म, कहीं समाज इन सबकों ध्यान में रखकर ही नारी मार्गक्रमण करती आयी है।’’1
How to Cite
डाॅ. संध्या सिंह. (1). समकालीन महिला कथाकारों में मालती जोषी का स्थान. ACCENT JOURNAL OF ECONOMICS ECOLOGY & ENGINEERING ISSN: 2456-1037 IF:8.20, ELJIF: 6.194(10/2018), Peer Reviewed and Refereed Journal, UGC APPROVED NO. 48767, 5(10), 49-51. Retrieved from https://ajeee.co.in/index.php/ajeee/article/view/1519
Section
Articles